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RUDRAKSH KE FAYDE

14 MUKHI RUDRAKSHA
rudraksha

चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ 14 Mukhi rudraksha BENEFITS

14 MUKHI RUDRAKSHA इसे स्वयं शिव का स्वरूप कहा जाता है जो समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है। शास्त्रों में इस मनका को देवमणि या महाशनि के रूप में माना जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसका निर्माण भगवान शिव की तीसरी आंख से गिरे अश्रु से हुआ था। जिस तरह भगवान शिव की तीसरी आंख खुलने सेसभी बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है वैसे ही इस रुद्राक्ष को पहनने वाले के जीवन में सभी नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं।यह रुद्राक्ष सहज दिमाग पर काम करता है ताकि व्यक्ति सही निर्णय ले सके। यह जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। 14 MUKHI RUDRAKSHA इसका मंत्र है इसका मंत्र है ॐ नम:। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्यश‍िव के समान पवित्र हो जाता है. यह भगवान शंकर का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। यह हनुमान जी का स्वरूप है। धारण करने वाले को परमपद प्राप्त होता है।हमारा वर्तमान जीवन हमारे पिछले जन्म के कर्मों से जुड़ा हुआ है और ग्रहों की चाल से भी प्रभावित है। यह कहा जाता है कि कुछ लोग अपनेपिछले जन्म के कर्मों का भुगतान वर्तमान में करते हैं। जिसके कारण उन्हें वर्तमान जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत कठिनाई और समस्याओं कासामना करना पड़ता है। तारा रानी की कहानी https://shrimahalakshmiratnakendra.com/?p=2200 इसलिए, 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने से पिछले कर्मों का ध्यान रखा जाता है और इसे सही माना जाता है ताकि आप अपनेवर्तमान जीवन पर ध्यान केंद्रित कर सकें और एक सुखद और सुंदर भविष्य बना सकें। इस रुद्राक्ष पर शनि और मंगल ग्रह की कृपा होती है।यदि आपकी कुंडली में शनि या मंगल कमजोर हैं तो आप 14 मुखी रुद्राक्ष को धारणकर उनके दुष्प्रभाव को दूर कर सकते हैं।सिंह राशि वाले इसको धारण करें, तो उत्तम रहेगा।

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तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ 13 mukhi rudraksh

13 MUKHI RUDRAKSH तेरह मुखी रुद्राक्ष व्यापक रूप से सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाना जाता है।विश्वदेव के स्वरूप में देखे जाने वाले इस रुद्राक्ष को पहनने वाले लोगों का सौभाग्य चमकने लगता है।इसे धारण करने से पहले ॐ ह्रीं नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को भगवान कामदेव काआशीर्वाद प्राप्त है, जो पहनने वाले को दैवीय करिश्मा और अपार शक्ति प्रदान करता है। इसे भगवान इंद्रऔर महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त है जो व्यक्ति को अभिव्यक्त करता है। यह शुक्र और चंद्रमा दोनों द्वाराशासित है और इस मनके की सतह पर 13 प्राकृतिक रेखाएं होती हैं। 13 MUKHI RUDRAKSH BENIFIT’S यह उन व्यवसायों के लोगों के लिएअच्छा है जहाँ उन्हें लोगों को आकर्षित करने और उनसे लाभ लेने की आवश्यकता होती है।इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति भाग्यशाली बन सकता है। तेरह मुखी रुद्राक्ष से धन लाभ होता है।यह समस्त कामनाओं एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। निः संतान को संतान तथा सभी कार्यों मेंसफलता मिलती है अतुल संपत्ति की प्राप्ति होती है तथा भाग्योदय होता है।यह समस्त शक्ति तथा ऋद्धि-सिद्धि का दाता है। यह कार्य सिद्धि प्रदायक तथा मंगलदायी है। https://youtu.be/xsqg5sYyE14

12 MUKHI RUDRAKSH
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बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ BARAH MUKHI RUDRAKSH DHARAN KARNE KE LABH

BARAH MUKHI RUDRAKSH DHARAN KARNE KE LABH बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ ;- शिव का अवतार माना जाने वाले इस बारह मुखी रुद्राक्ष में सूर्य का आधिपत्य है और सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी कहा जाता है।इस रुद्राक्ष की सतह पर 12 प्राकृतिक रेखाएं हैं जो इसकी मौलिकता को चिन्हित करती हैं। इस मनका को धारण करने से व्यापार और नौकरी संबंधित समस्याओं से निजात मिल सकती है। बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ BARAH MUKHI RUDRAKSH DHARAN KARNE KE LABH….. अगर आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर है तो आपको जल्द से जल्द 12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 12 मुखी रुद्राक्ष को द्वादशी आदित्य के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है किइस मनके में ऋष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का भी आशीर्वाद है। मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर आस्था का चमत्कारी धामhttps://shrimahalakshmiratnakendra.com/?p=2395 इस रुद्राक्ष को बालों में पहना जाता है। इसे धारण करने का मंत्र है ऊँ क्रौं क्षौं रौं नम:। जो लोग बाहरमुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं, उन्हें बारह आदित्यों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बारह मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से बालों में धारण करना चाहिए। बारह मुखी रुद्राक्ष को विष्णु स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने से सर्वपाप नाश होते हैं। इसे धारण करने से दोनों लोकों का सुख प्राप्त होता है तथा व्यक्ति भाग्यवान होता है। यह नेत्र ज्योति में वृद्धि करता है। यह बुद्धि तथा स्वास्थ्य प्रदान करता है। यह समृद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान दिलाता है। दरिद्रता का नाश होता है। बढ़ता है मनोबल। सांसारिक बाधाएं दूर होती हैं तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैेे तथा असीम तेज एवं बल की प्राप्ति होती है।

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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

शिवपुराण के अनुसार ग्यारहमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के अवतार रुद्रदेव का रूप है।इस रुद्राक्ष को साक्षात रूद्रदे का अवतार माना जाता है। यह भगवान हनुमान का प्रतिनिधित्व करता है जिन्हें भगवान शिव का 11वां अवतार भी माना जाता है।जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है, वह सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इसे पहनना चाहिए। इसका मंत्र है ॐ ह्रीं हुम नम:।जो इसे श‍िखा में धारण करता है, उसे कई हजार यज्ञ कराने का फल मिलता है. इसे शिखा में बांधकर धारण करने से हजार अश्वमेध यज्ञ तथा ग्रहण में दान करने के बराबर फल प्राप्त होता है।इसे धारण करने से समस्त सुखों में वृद्धि होती है। यह विजय दिलाने वाला तथा आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने वाला है।यह व्यक्ति से डर को दूर करने में मदद करता है दीर्घायु व वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्रदान करता है।विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों तथा विकारों में यह लाभकारी है तथा जिस स्त्री को संतान प्राप्ति नहीं होती हैइसे विश्वास पूर्वक धारण करने से बंध्या स्त्री को भी सकती है संतान प्राप्त हो।यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करने में मदद करता हैयह लोगों के गुस्से को प्रबंधित करने और शांत रहने में मदद करता हैइसे धारण करने से बल व तेज में वृद्धि होती है।मकर व कुंभ राशि के व्यक्ति इसे धारण कर जीवन-पर्यंत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

इसे विष्णु का स्वरूप माना जाता है। दस मुखी रुद्राक्ष में भगवान विष्णु तथा दसमहाविद्या का निवास माना गया है।दस मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का आशीर्वाद है, जो त्रिमूर्ति देवताओं का अंश है, जिन्हें ब्रह्मांड का निर्माता कहा जाता है। इस रुद्राक्ष की सतह पर ऊपर से नीचे तक 10 प्राकृतिक ऊर्ध्वाधऱ रेखाएं होती हैं। यह दुर्लभ किस्म का रुद्राक्ष है हालांकि इस रुद्राक्ष के पास कोई सत्तारूढ़ ग्रह नहीं हैं, क्योंकि यह मानव जीवन पर सभी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने की दिशा में काम करता है।हर प्रकार की खुशियों को पाने की चाह रखने वाले लोगों को इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए जिसका मंत्र है ॐ ह्रीं नम:। जो लोग अपनी सभी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं, वे दसमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इसे धारण करने पर प्रत्येक ग्रह की प्रतिकूलता दूर होती है।यह एक शक्तिशाली रुद्राक्ष है तथा इसमें नवरत्न मुद्रिका के समान गुण पाये जाते हैं।यह सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सक्षम है। जादू-टोने के प्रभाव से यह बचाव करता है।‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से पूर्व इसे प्राण-प्रतिष्ठित अवश्य कर लेना चाहिए।मानसिक शांति, भाग्योदय तथा स्वास्थ्य का यह अनमोल खजाना है। सर्वग्रह इसके प्रभाव से शांत रहते हैं।मकर तथा कुंभ राशि वाले जातकों को इसे प्राण-प्रतिषिठत कर धारण करना चाहिए।

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पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

पंचमुखी रुद्राक्ष को स्वयं रुद्र कालाग्नि‍ के समान बताया गया है. इसे धारण करने से शांत व संतोष की प्राप्त‍ि होती है |पांच मुखी रुद्राक्ष सभी रुद्राक्षों में से सबसे लोकप्रिय रुद्राक्ष है। यह रुद्राक्ष समृद्धि और जीवन में सफलता का प्रतीक हैवे लोग जो अपनी हर परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।जिन भक्तों को सभी परेशानियों से मुक्ति चाहिए और मनोवांछित फल प्राप्त करने की इच्छा है, उन्हें पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।इसका मंत्र है ऊँ ह्रीं नम:। सोमवार की सुबह मंत्र एक माला जप कर, इसे काले धागे में विधि पूर्वक धारण करना चाहिए।यह रुद्राक्ष सभी प्रकार के पापों के प्रभाव को भी कम करता है।बृहस्पति ग्रह की प्रतिकूलता को दूर करने के लिए इसको धारण करना चाहिए।इसे धारण करने से निर्धनता, दाम्पत्य सुख में कमी, जांघ व कान के रोग, मधुमेह जैसे रोगों का निवारण होता है।पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने वालों को सुख, शांति व प्रसिद्धि प्राप्त होते हैं। इसमें पुखराज के समान गुण होते हैं।यह हृदय रोगियों के लिए उत्तम है। इससे आत्मिक विश्वास, मनोबल तथा ईश्वर के प्रति आसक्ति बढ़ती है।पंचमुखी रुद्राक्ष को आप घर या कार्यालय में भी रख सकते हैं ताकि वातावरण में नकारात्मकता को दूर किया जा सके।यह भगवान शिव के 5 रुपों का प्रतीक है। हिंदू वेद मानव को 5 तत्वों से बना मानते हैं-अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वीजिसके साथ ब्रह्मांड बना है। 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से इस सभी तत्वों का शरीर में नियंत्रण रहता है।मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन वाले जातक इसे धारण कर सकते हैं।

RASHI ANUSAR RUDRAKSH
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राशि अनुसार रुद्राक्ष RASHI ANUSAR RUDRAKSH

राशि अनुसार रुद्राक्ष RASHI ANUSAR RUDRAKSH :- 1-मेष राशि का रुद्राक्ष RUDRAKSHA BENEFITSमेष राशि का स्‍वामी मंगल होता है और मंगल साहस और वीरता का कारक है। साथ ही मंगल के प्रभाव में जातक अडियल और गुस्‍सैल भी बन जाता है। मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा। 2-वृषभ राशि का रुद्राक्षअपने लक्ष्‍य को पाने के लिए वृषभ राशि के लोग बहुत मेहनत करते हैं। वृषभ राशि का स्‍वामी शुक्र देव हैं और ये भौतिक सुख और ऐश्‍वर्य प्रदान करते हैं। इस राशि के लोगों को 6 मुखी और दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है। राशि अनुसार रुद्राक्ष RASHI ANUSAR RUDRAKSH 3-मिथुन राशि का रुद्राक्षमिथुन राशि का स्‍वामी बुध है और बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। मिथुन राशि के लोग परिवर्तन और गतिशील स्‍वभाव के होते हैं। मिथुन राशि के जातकों को सफलता और धन की प्राप्‍ति के लिए 4 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। श्री गणेश और तुलसी की एक रोचक कथाhttps://shrimahalakshmiratnakendra.com/?p=2411 4-कर्क राशि का रुद्राक्षकर्क राशि का स्‍वामी चंद्रमा होता है जोकि मन का कारक है। चंद्रमा मन को स्थिरता प्रदान करता है। ये लोग अपने कार्यों को पूरी निपुणता से करते हैं और इसीलिए इन्‍हें उसमें सफलता भी मिलती है। कर्क राशि के लोगों को 4 मुखी और गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा। 5- सिंह राशि का रुद्राक्षसिंह राशि का स्‍वामी सूर्य देव हैं। सूर्य को सफलता का कारक माना जाता है और जिस पर सूर्य देव की कृपा पड़ गई उसे जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है। सिंह राशि के जातकों को 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 6-कन्‍या राशि का रुद्राक्षकन्‍या राशि का स्‍वामी भी बुध ग्रह है। बुध के शुभ प्रभाव में जातक बुद्धिमान बनता है और उसके द्वारा लिए गए सभी निर्णय सही साबित होते हैं। कन्‍या राशि के जातकों को गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से सबसे ज्‍यादा लाभ होता है। 7- तुला राशि का रुद्राक्षतुला राशि के लोग हर निर्णय से पूर्व बहुत सोच-विचार करते हैं। इस राशि का स्‍वामी शुक्र है जोकि जीवन में भौतिक सुख प्रदान करते हैं। तुला राशि के जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष और गणेश रुद्राक्ष पहनने से सर्वसुख की प्राप्‍ति होगी। 8-वृश्चिक राशि का रुद्राक्षवृश्चिक राशि के लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं। इस राशि का स्‍वामी मंगल ग्रह है जोकि बहुत आक्रामक माना जाता है लेकिन इस राशि के लोगों के स्‍वभाव में आक्रामकता कम ही देखने को मिलती है। वृश्चिक राशि के लोगों को 8 मुखी और 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुभ फल की प्राप्‍ति होती है। 9-धनु राशि का रुद्राक्षधनु राशि का स्‍वामी बृहस्‍पति है। इस राशि के लोग साहसी और उग्र स्‍वभाव के होते हैं। जीवन की विपत्तियों को टालने के लिए धनु राशि के जातकों को 9 मुखी और 1 मुखी रुद्राक्ष पहनना चा‍हिए। 10-मकर राशि का रुद्राक्षमकर राशि का स्‍वामी शनि देव हैं और कहते हैं कि जिस पर शनि देव की कृपा हो जाए उसके वारे न्‍यारे हो जाते हैं अर्थात् उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। मकर राशि के जातकों को अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 13 और 10 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। 11-कुंभ राशि का रुद्राक्षकुंभ राशि पर भी शनि देव की कृपा बरसती है। कुंभ राशि के लोग बहुत ऊंचे और बड़े सपने देखते हैं लेकिन ये उन सपनों को पूरा करने का दम भी रखते हैं। इस राशि के जातकों के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद रहता है। 12 -मीन राशि का रुद्राक्ष मीन राशि का स्‍वामी बृहस्‍पति है। इस राशि के जातकों का स्‍वास्‍थ्‍य अकसर खराब रहता है। मीन राशि के जातकों को 5 मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।

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