इसे विष्णु का स्वरूप माना जाता है। दस मुखी रुद्राक्ष में भगवान विष्णु तथा दसमहाविद्या का निवास माना गया है।
दस मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का आशीर्वाद है, जो त्रिमूर्ति देवताओं का अंश है, जिन्हें ब्रह्मांड का निर्माता कहा जाता है।
इस रुद्राक्ष की सतह पर ऊपर से नीचे तक 10 प्राकृतिक ऊर्ध्वाधऱ रेखाएं होती हैं। यह दुर्लभ किस्म का रुद्राक्ष है
यह रुद्राक्ष विष्णु जी का स्वरूप होने के कारण धारक के प्रभाव को दसों दिशाओं में फैलाता है।
हालांकि इस रुद्राक्ष के पास कोई सत्तारूढ़ ग्रह नहीं हैं, क्योंकि यह मानव जीवन पर सभी ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने की दिशा में काम करता है।
हर प्रकार की खुशियों को पाने की चाह रखने वाले लोगों को इस रुद्राक्ष को पहनना चाहिए जिसका मंत्र है ॐ ह्रीं नम:।
जो लोग अपनी सभी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं, वे दसमुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं। इसे धारण करने पर प्रत्येक ग्रह की
प्रतिकूलता दूर होती है।यह एक शक्तिशाली रुद्राक्ष है तथा इसमें नवरत्न मुद्रिका के समान गुण पाये जाते हैं।
यह सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सक्षम है। जादू-टोने के प्रभाव से यह बचाव करता है।
‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करने से पूर्व इसे प्राण-प्रतिष्ठित अवश्य कर लेना चाहिए।
मानसिक शांति, भाग्योदय तथा स्वास्थ्य का यह अनमोल खजाना है। सर्वग्रह इसके प्रभाव से शांत रहते हैं।
मकर तथा कुंभ राशि वाले जातकों को इसे प्राण-प्रतिषिठत कर धारण करना चाहिए।