इस रुद्राक्ष को नौ देवियों का स्वरूप कहा जाता है। यह रुद्राक्ष महाशक्ति के नौ रूपों का प्रतीक है। जो लोग नौमुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं, वे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं।
यह माँ शक्ति का पंसदीदा रुद्र मनका भी है और नवमुखी रुद्राक्ष नवशक्ति संपन्न मां दुर्गा का प्रतिनिधि है। इस रुद्राक्ष पर कपिलमुनि और भैरो देव की कृपा बरसती रहती है। यह विशेष रूप से एक सुरक्षा कवच के रूप में पहना जाता है, जिस पहनने से सभी प्रकार की बुरी संपत्ति, काला जादू और नकारात्मकता से बचाता है। यह पहनने वाले को शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है। 9 मुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह केतु है।
इसे धारण करने वाले लोगों को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। समाज में प्रतिष्ठा की चाह रखने वाले लोगों को नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
इसका मंत्र है- ऊँ ह्रीं हुं नम:। इस मंत्र के साथ यह रुद्राक्ष धारण करें।
केतु ग्रह की प्रतिकूलता होने पर इसे धारण करना चाहिए। ज्वर, नेत्र, उदर, फोड़े, फुंसी आदि रोगों में इसे धारण करने से अनुकूल लाभ मिलता है।
यह केतु और राहु ग्रह के क्रूर प्रभाव को दूर करने में मदद करता है।
इसे धारण करने से केतु जनित दोष कम होते हैं। यह लहसुनिया से अधिक प्रभावकारी है। ऐश्वर्य, धन-धान्य, खुशहाली को प्रदान करता है।
धर्म-कर्म, अध्यात्म में रुचि बढ़ाता है।
मकर एवं कुंभ राशि वालों को इसे धारण करना चाहिए।