ShriMahaLakshmiRatnaKendra
30/10/2020

आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

इस रुद्राक्ष को प्रथम पूज्य भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है। भगवान गणेश माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं, यह बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक हैं। इसे धारण करने से भैरव बाबा की भी कृपा प्राप्त होती है। शिवपुराण के अनुसार अष्टमुखी रुद्राक्ष भैरव महाराज का रूप माना जाता है।
जो लोग इस रुद्राक्ष को धारण करते हैं, वे अकाल मृत्यु से शरीर का त्याग नहीं करते हैं। ऐसे लोग पूर्ण आयु जीते हैं।
वे लोग जो रोग मुक्त जीवन जीना चाहते हैं उनके लिए आठ मुखी रुद्राक्ष एकदम उपयुक्त है। इस रुद्राक्ष के लिए मंत्र है ॐ हुम नम:।
आठ मुखी रुद्राक्ष में कार्तिकेय, गणेश और गंगा का अधिवास माना जाता है।

राहु ग्रह की प्रतिकूलता होने पर इसे धारण करना चाहिए। मोतियाविंद, फेफड़े के रोग, पैरों में कष्ट, चर्म रोग आदि रोगों तथा राहु की पीड़ा से यह छुटकारा दिलाने में सहायक है।
इसकी तुलना गोमेद से की जाती है। आठ मुखी रुद्राक्ष अष्ट भुजा देवी का स्वरूप है। यह हर प्रकार के विघ्नों को दूर करता है।
यह पहनने वाले में ज्ञान और जागरूकता बढ़ाता है
यह रुद्राक्षधारी को मजबूत बनाता है और उसे जीवन में चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने में सक्षम बनाता है
यह पहनने वाले के जीवन में सफलता लाने में मदद करता है
यह पहनने वाले को ऊर्जावान बनाता है और जीवन से नीरसता को दूर करता है

इसे धारण करने वाले को अरिष्ट से मुक्ति मिलती है। इसे सिद्ध कर धारण करने से पितृदोष दूर होता है।
मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह अनुकूल है। मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, कुंभ व मीन लग्न वाले इससे जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

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