जय श्री कृष्णा आज आपको एक ऐसी सत्य घटना सुनाने जा रहे हैं जो कि महाकाली साधना का परिणाम है एक गांव मध्य प्रदेश का जहां पर एक साधक रहता था यह साधक ज्यादा कोई विधि विधान नहीं जानता था और ना ही ज्यादा पूजा-पाठ में रहता था सिर्फ नियम से जीवन बिताया करता क्योंकि यह रात्रि में घर के बाहर खटिया लगा कर सोता था इसलिए इसके ऊपर किसी भी प्रकार का प्रहार करना बहुत ही आसान था क्योंकि जमीन जायदात इस साधक के पास बहुत थी इसलिए ना चाहते हुए भी गांव के कुछ लोगों से इसका वैर हो गया और वह लोग इस साधक को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाने लगे कुछ दिनों के बाद साधक ने देखा कि रात्रि में जब वह खटिया पर सोता है तो कोई बहुत वजनदार चीज उसकी छाती पर आकर बैठ जाती है और उसे दबाने का प्रयास करती है उसके हाथ पैर मैं बहुत तेज झंझनी आती है लेकिन वह कुछ ना बोल पाता है ना हाथ पैर हिला पाता है उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है उसने यह बात किसी को पहले बताई भी नहीं लेकिन यह घटना उसके साथ प्रतिदिन होना शुरू हो गई खास करके अमावस्या और पूर्णिमा की रात उसके लिए बहुत ही दर्दनाक होती पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होता जो कि शरीर से बढ़ते बढ़ते मस्तिष्क में जाता और यह दर्द उसे बहुत तकलीफ देता उस साधक को ऐसा लगता की वह जैसे मर ही जाएगा और कोई शक्ति उसके प्राण खींचना चाहती है लेकिन खींच नहीं पा रही यह साधक प्रतिदिन बस यही नियम करता था कि भोजन करने के पहले स्नान अवश्य करता और अपने देवता को अगरबत्ती लगाता लेकिन क्योंकि इसके घर में देवता इसके पूर्वजों को आते थे इसी वजह से देवता की शक्ति इसके साथ नहीं थी अब इसने एक ऐसे गुरुदेव से संपर्क किया जिनसे इस की मित्रता बहुत पुरानी थी लेकिन कभी इसने साधना कि नहीं गुरुदेव से आज्ञा लेकर महाकाली मंत्र जप शुरू किया और समीप के ही महाकाली मंदिर में प्रतिदिन जाकर अपना शीश झुका कर आता इस नियम में कोई भी चूक ना हो ऐसा दृढ़ संकल्प इस साधक ने ले लिया कि मैं बिना चूक किए प्रतिदिन महाकाली मंदिर अवश्य जाऊंगा और जाने लगा माता तो माता ही होती है इसके मंत्र जप की शक्ति माता तक पहुंच रही थी यह मंत्र जप किसी माला से नहीं करता ना कोई आसन था इसके पास यह तो बस खेतों में काम करते करते ही मंत्र जप करता रहता गुनगुनाता रहता और माता इससे प्रसन्न हो गई इस बार की अमावस्या को जब यह रात्रि में घर के बाहर खटिया लगा कर सो रहा थावही शक्ति जो इसे दबाती थी आ गई इस बार इसकी नींद खुल गई और साधक ने देखा कि लगभग 10 से 12 फीट का कोई काला सा व्यक्ति सामने से आ रहा है जो देखने से ही मनुष्य नहीं लग रहा बल्कि कोई प्रेत जैसा दिखाई दे रहा है इसने अपनी मां काली का मंत्र जो अब तक इसकी जिव्हा पर याद हो चुका था तुरंत जपना शुरू कर दिया और इसने अचानक देखा कि इसकी खटिया के ऊपर से एक बहुत तीव्रता से कोई स्त्री जैसी साड़ी पहनी हुई शक्ति हवा में उड़ती हुई उस प्रेतात्मा के ऊपर झपटी और उसे जमीन पर घसीटते हुए नदी के तरफ ले गई इसके पास इतनी शक्ति नहीं थी यह हिम्मत नहीं थी कि उठकर उनके पीछे जाता लेकिन इसे यह समझ में आ गया कि कोई ना कोई इसे बचाने के लिए ही आया है फिर इसने अगले दिन अपने उन गुरुदेव से संपर्क किया कि कल रात को मेरे साथ यह स्थिति हुई तब उन गुरुदेव ने यह ज्ञान दिया कि तुम्हारे ऊपर गांव के ही लोगों ने बहुत बड़ा शैतान जिसे जिन भी कह सकते हैं छोड़ा था और इसे 21 अमावस्या का संकल्प देकर भेजा गया था की 21 वी अमावस्या को यह तुम्हें मार देगा लेकिन यह तुम्हारी 21वी अमावस्या ही थी और वह शक्ति जिसने आकर तुम्हें बचाया व स्वयं मां काली का तत्व था जिसमें तुम्हारी रक्षा की है और अब यह जीवन भर तुम्हारे साथ ही रहेगी तुम महाकाली की ऐसी ही भक्ति करते रहना इतना सुनकर उस साधक ने गुरुदेव से गुस्से से पूछा कि यदि आप जानते थे कि यह शक्ति मेरे ऊपर प्रेत मेरे ऊपर छोड़ा गया है तो आपने इससे क्यों नहीं हटाया मेरी रक्षा क्यों नहीं की तब गुरुदेव ने कहा कि मैं जीवन में कितनी बार तुम्हारी रक्षा करता एक बार किसी प्रेत को हटाता दुश्मन दोबारा भेज देते फिर हटाता फिर भेज देते कभी ना कभी ऐसा अवश्य होता कि मेरे ध्यान से तुम चूक जाते मेरा ध्यान तुम पर से हट जाता और दुश्मन तुम्हें बड़ा प्रहार कर देते इससे अच्छा है कि क्यों ना तुम स्वयं अपने साथ ऐसी शक्ति को सिद्ध कर लो जो जीवन भर तुम्हारी रक्षा करें और मेरे जैसे किसी व्यक्ति की आवश्यकता ना पड़े इस वजह से मैंने तुम्हें मां काली का मंत्र दिया जिसका तुमने जाप किया और अब तुम जीवन भर के लिए सुरक्षित हो तुम नियम से रहते हो नियम से खाते पीते हो यह सब देख कर मैं जान गया था कि यदि तुम्हें महाकाली सिद्ध करा दी जाए तो तुम उनकी सेवा आसानी से कर लोगेतुम्हारी जीवन चर्या शुद्ध है इसीलिए तुम्हें यह मार्ग दिखाया क्योंकि सभी के बस की बात नहीं होती पवित्रता से रहना तो क्योंकि अब तुम जीवन भर के लिए सुरक्षित हो गए हो हमेशा माता की सेवा करते रहनाइस तरह इस सत्य घटना से यह पता चलता है कि एक साधारण मनुष्य भी साधारण तरीके से ही देवी शक्तियों को सिद्ध कर सकता है लेकिन विश्वास होना चाहिए जीवन चर्या शुद्ध और पवित्र खानपान होना चाहिए तो किसी भी देवी या देवता को आसानी से सिद्ध किया जा सकता है इस साधना को अपने गुरु से संपर्क करके ही करना चाहिए क्योंकि गुरु आज्ञा से की गई साधना बहुत कम संसाधनों से भी सिद्ध हो जाती है स्वयं की इच्छा से कोई भी साधना जंगल में या सुनसान स्थान पर जाकर नहीं करना चाहिए बल्कि ज्यादातर साधनाएं अपने घर में ही करना चाहिए जिससे कि जीवन में उन्नति हो और लाभ हो अभी तक के लिए इतना ही जय श्री महाकाली
11/09/2020
Thanking
जय मां महाकाली🙏🙏