एक समय की बात है महर्षि द्वैपायन व्यास जी हस्तिनापुर आए । उनका आगमन सुनकर समस्त राजकुल के कर्मचारी महाराज भीष्म सहित उनका सम्मान आदर करते हुए राजमहल में महाराज को सोने के सिंहासन में विराजमान कर अधर्य – पाद्य आचमन से उनका पूजन किया । व्यास जी के विश्राम होने पर राजा रानी गांधारी […]