DIPAWALI PAR BHAGWAN KUBER KI POOJA दिपावली के दिन भगवान कुबेर की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कुबेर को मां लक्ष्मी के धन का प्रतिनिधि माना जाता है।
इसलिए बिना कुबेर जी की पूजा के आपको मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त नहीं हो सकता। धन के देवता कुबेर जी की पूजा के बिना
धन की देवी लक्ष्मी जी की प्राप्ति नहीं की जा सकती। भगवान कुबेर माता लक्ष्मी जी के सेवक हैं और माता लक्ष्मी अपने सेवक के बिना
कहीं भी भ्रमण नहीं करती।
दिपावली पर भगवान कुबेर की पूजा ….जानिए भगवान कुबेर पूजा की सही विधि DIPAWALI PAR BHAGWAN KUBER KI POOJA KE MAHATV
जब आप भगवान कुबेर की पूजा करेंगे तो वह माता लक्ष्मी जी से आपके घर जाने का आग्रह करेगे और
लक्ष्मी माता अपने सेवक का आग्रह कभी नहीं टालतीं, इसलिए कुबेर की पूजा धनतेरस और दिवाली के दिन मुख्य रूप से की जाती है।
दिपावली के अलावा कुबेर जी की पूजा धनतेरस के दिन भी की जाती है। जिससे घर में धन का भण्डार हमेशा ही भरा रहे।
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भगवान कुबेर को आभूषणों का देवता भी माना जाता है। इसके अलावा अगर आप धन संबंधी परेशानियों से घिरे हुए हैं तो आप इस दिन कुबेर जी का पूजन
करके धन संबंधी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।धनतेरस के दिन विशेष रुप से खरीदारी करने की प्रथा है।
इस दिन लोग अपने-अपने घरोंके लिए बर्तन,सोना-चांदी और अन्य उपयोगी चीजें खरीदते हैं। कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी ने धन संबंधी कार्यों का लेखा-जोखा
भगवान कुबेर को सौंप रखा है जो स्वंय धनों के देवता कहे जाते हैं इसलिए धनतेरस के दिन धन प्राप्ति और लाभ पाने के लिए भगवान
कुबेर की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है इसलिए धनतेरस की रात को माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा भी करनी चाहिए।
भगवान कुबेर की पूजा विधि..BHAGWAN KUBER POOJA VIDHI
भगवान कुबेर की पूजा धनतेरस और दिपावली के दिन की जाती है। दिवाली के दिन आपको शाम को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए।
..इसके लिए आप एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद उस पर एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भी गंगाजल छिड़कें।
..इसके बाद उस चौकी पर अक्षत डालें और भगवान गणेश मां लक्ष्मी और भगवान कुबरे की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
..प्रतिमा स्थापित करने के बाद अपने आभूषण, पैसे और सभी कीमती चीजें भगवान कुबेर के आगे रखें।
..इसके बाद अगर आभूषण के डिब्बे पर स्वास्तिक बनाएं या फिर स्वास्तिक बनाकर अपने सभी पैसे और आभूषण उस पर रखें।
..इसके बाद भगवान कुबेर का तिलक करें और कुबेर जी के साथ- साथ सभी आभूषण और पैसों को अक्षत अर्पित करें। धनतेरस पर जानिए धन के देवता भगवान कुबेर की कथा,पूर्वजन्म में क्यों थे वह एक चोर
..इसके बाद भगवान कुबेर को फल और फूल, माला अर्पित करें और आभूषण और पैसों पर भी फूल अर्पित करें।
..इसके बाद कुबेर त्वं धनाधीश गृहे ते कमला स्थिता।तां देवीं प्रेषयाशु त्वं मद्गृहे ते नमो नम:।। मंत्र का जाप करें।
..मंत्र जाप के बाद भगवान कुबेर को मिठाई का भोग लगाएं।
..इसके बाद भगवान कुबरे की धूप व दीप से आरती उतारें।
..इसके बाद एक साफ गिलास में जल लेकर भगवान कुबेर को जल अर्पित करें।
..अंत में भगवान कुबेर को हाथ जोड़कर नमन करें और उनसे जाने अनजाने में हुई
भूल के क्षमा प्रार्थना करें और उनसे अपना अर्शीवाद सदा बनाने के लिए भी प्रार्थना करें।